श्री राम मंदिर अयोध्या
![]() |
Ram Mandir Ayodhya |
राम मंदिर का इतिहास
माना जाता है कि भगवान राम का जन्म इस स्थान पर हुआ था। माना जाता है कि भगवान राम के समाधि लेने के बाद भगवान राम के पुत्र कुश ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। उसके बाद ईसा के 100 बर्ष पूर्व उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य ने 84 सतम्भों पर विशाल मंदिर का पुनः निर्माण करवाया था।
ऐसा कहा जाता है कि ईसा की 11 वीं शताब्दी में कन्नौज के नरेश जयचंद ने मंदिर पर सम्राट विक्रमादित्य के प्रशस्ति शिलालेख की जगह अपना नाम दर्ज कर दिया।
विवाद की शुरुआत
लेकिन 14 वीं शताब्दी तक राम मंदिर को तोड़ने में सफल नहीं हो पाए। क्योंकि आसपास के राजा और हजारों साधुओं ने मंदिर को बचाने का काम किया और अपने प्राणों का बलिदान दिया।
आखिरकार वर्ष 1528 में मुगल बादशाह बाबर के सिपहसालार मीर बाकी ने मंदिर गिराया और मंदिर की जगह बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया।
इसे लेकर हिंदू समुदाय ने दावा किया कि यह जगह भगवान राम की जन्मभूमि है और यहां एक प्राचीन मंदिर था। हिंदू पक्ष के मुताबिक मुख्य गुंबद के नीचे ही भगवान राम का जन्मस्थान था।
राम मंदिर के लिए कानूनी जंग
साल 1950में फैजाबाद सिविल कोर्ट में दो अर्जी दाखिल की गई। इसमें एक में रामलला की पूजा की इजाजत और दूसरे में विवादित ढांचे में भगवान राम की मूर्ति रखे रहने की इजाजत मांगी गई। 1959 में निर्मोही अखाड़ा ने तीसरी अर्जी दाखिल की।
वर्ष 1961 में यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने विवादित स्थल पर कब्जे और मूर्तियों को हटाने की मांग को लेकर याचिका दायर की।
वर्ष 1984 में विश्व हिंदू परिषद ने विवादित ढांचे के स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए एक समिति का गठन किया।
वर्ष 1986 में यूसी पांडे की याचिका पर फैजाबाद के जिला न्यायाधीश केएम पांडे ने 1 फरवरी 1986 को ढांचे से ताला हटाने का आदेश दिया, जिससे हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति मिल गई।
बाबरी मस्ज़िद का ढांचा गिराया
![]() |
Babari Masjid |
कोर्ट से बाहर मामले को सुलझाने की कोशिश:-
राम मंदिर के पक्ष में फैसला
राम मंदिर निर्माण और भूमि पूजन कार्यक्रम:
![]() |
Ram Lalla in Ram Mandir |
राम मंदिर का निर्माण कार्य साल 2025 के मध्य तक पूरा होने की संभावना है।
कैसे पहुंचें राम मंदिर अयोध्या
1. हवाई मार्ग से
अगर आप हवाई मार्ग से यात्रा करना चाहते हैं, तो अयोध्या के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा अयोध्या एयरपोर्ट (मंगल भवन हवाई अड्डा) है, जो मुख्य शहर से लगभग 10-12 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा, लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (140 किलोमीटर दूर) भी एक विकल्प है। वहां से आप टैक्सी या बस द्वारा अयोध्या पहुंच सकते हैं।
2. रेल मार्ग से
अयोध्या रेलवे स्टेशन (AY) देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज और दिल्ली से नियमित ट्रेन सेवाएं उपलब्ध हैं। अयोध्या रेलवे स्टेशन से राम मंदिर की दूरी लगभग 2-3 किलोमीटर है, जिसे आप ऑटो-रिक्शा, टैक्सी या पैदल तय कर सकते हैं।
3. सड़क मार्ग से
अयोध्या उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों और राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग (NH 27 और NH 19) से अयोध्या तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- लखनऊ (135 किलोमीटर), वाराणसी (200 किलोमीटर), और गोरखपुर (125 किलोमीटर) से बस या निजी वाहन द्वारा यात्रा की जा सकती है।
- राज्य परिवहन की बसें भी नियमित रूप से उपलब्ध हैं।
4. स्थानीय परिवहन
अयोध्या शहर के भीतर रिक्शा, ऑटो, और स्थानीय बसें आसानी से उपलब्ध हैं। राम मंदिर तक पहुंचने के लिए आप इनका उपयोग कर सकते हैं।
सुझाव
- मंदिर दर्शन के लिए सुबह जल्दी पहुंचे, ताकि भीड़ से बचा जा सके।
- अपने साथ पहचान पत्र और जरूरी सामान रखें।
- अयोध्या में अन्य धार्मिक स्थलों जैसे कनक भवन, हनुमानगढ़ी और सरयू नदी घाट का भी दर्शन कर सकते हैं।
राम मंदिर पहुंचने के लिए हर साधन सुगम और सुविधाजनक है। यह यात्रा आपके लिए आध्यात्मिक और यादगार अनुभव होगी।
Jai Shree Ram
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें